किसी भी कर्मचारी के लिए वेतन उसकी मेहनत का प्रतिफल है। जब समय पर सैलरी नहीं मिलती, तो यह केवल आर्थिक दिक्कत नहीं बल्कि एक कानूनी अधिकार के उल्लंघन की स्थिति भी होती है। ऐसे मामलों में कर्मचारी निम्न कदम उठा सकता है:
1. कंपनी को औपचारिक ईमेल भेजें
सबसे पहले HR या Accounts विभाग को लिखित रूप से ईमेल भेजें। इससे आपके पास एक लिखित रिकॉर्ड रहेगा, जो भविष्य में प्रमाण के रूप में काम करेगा।
2. लीगल नोटिस जारी करें
यदि कंपनी आपकी ईमेल का जवाब नहीं देती या भुगतान करने से बचती है, तो वकील की मदद से विधिवत लीगल नोटिस भेजें। यह एक औपचारिक कानूनी चेतावनी है, जिसका कंपनियों पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
3. लेबर कमिश्नर के पास शिकायत करें
अगर नोटिस के बाद भी वेतन नहीं मिलता, तो आप लेबर कमिश्नर ऑफिस में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह प्रक्रिया कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए बनाई गई है और कंपनी को इसका जवाब देना अनिवार्य होता है।
4. NCLT में दावा करें
यदि कंपनी दिवालियापन की स्थिति में है और आपका बकाया ₹1 लाख से अधिक है, तो आप IBC (Insolvency and Bankruptcy Code) के तहत NCLT (National Company Law Tribunal) में दावा दायर कर सकते हैं। यहाँ कर्मचारी को Operational Creditor माना जाता है और उसे दिवालियापन की प्रक्रिया में हिस्सा मिलता है।
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